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‎योग केवल व्यायाम नहीं, यह भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत – डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ

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  • ‎योगासन में दिखी प्रतिभा की लचक, अनुशासन की शक्ति
  • ‎हरिद्वार में योग के रंग, बच्चों ने दिखाई शानदार प्रस्तुति
  • ओम कश्यप बने योग चैंपियन, 170 बच्चों ने लिया भाग‎

‎हरिद्वार : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अंतर्गत शुक्रवार को सरस्वती विद्यामंदिर, सेक्टर-2, बीएचईएल में आयोजित जिला स्तरीय योगासन प्रतियोगिता में बच्चों ने अनुशासन, लय और संतुलन का अद्भुत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विद्यालयों के 170 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। ‎प्रतियोगिता की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के नोडल अधिकारी डॉ. घनेन्द्र वशिष्ठ ने की। आयोजन जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश तथा राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। ‎मुख्य अतिथि अनुज सिंह, पार्षद नगर निगम हरिद्वार, ने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि योग जीवन को संतुलित और अनुशासित बनाता है। उन्होंने योग को बचपन से जीवनशैली में शामिल करने पर ज़ोर दिया।

‎विजेताओं में ओम कश्यप ने मारी बाज़ी

‎प्रतियोगिता में शिवालिक पब्लिक स्कूल के ओम कश्यप ने पहला स्थान प्राप्त किया। नंदिनी ने द्वितीय और अभय ने तृतीय स्थान प्राप्त कर सबका ध्यान खींचा।

‎प्रतिभागियों ने जीता सभी का दिल

‎कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विविध प्रकार के योगासन प्रस्तुत किए। निर्णायक मंडल ने संतुलन, लचीलापन, स्थिरता और प्रस्तुति शैली को आधार बनाकर मूल्यांकन किया।

‎ नोडल अधिकारी, आईडीवाई 2025 हरिद्वार डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ कहते हैं कि आज की प्रतियोगिता इस बात का प्रमाण है कि हमारी नई पीढ़ी योग को सिर्फ एक कसरत नहीं, बल्कि जीवन का एक आवश्यक हिस्सा मानने लगी है। योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम नहीं है, यह हमारे विचारों को स्पष्ट करता है, हमारी भावनाओं को संतुलन देता है और आत्मा को शांति प्रदान करता है। ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ का विचार केवल नारा नहीं, बल्कि यह आज की वैश्विक आवश्यकता बन चुका है – और योग इस दिशा में मानवता को जोड़ने वाला सबसे प्रभावी माध्यम है। बच्चों ने जिस आत्मविश्वास, लय और अनुशासन के साथ योग प्रस्तुत किया, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हरिद्वार जैसे आध्यात्मिक नगर से उठी यह ऊर्जा पूरे उत्तराखंड और देश में योग के प्रति एक नई चेतना का संचार करेगी। आने वाले समय में हम न केवल अपने घरों और विद्यालयों में, बल्कि समाज के हर स्तर पर योग को एक अनिवार्य अभ्यास के रूप में स्थापित करें – यही हमारी सबसे बड़ी सफलता होगी। मैं सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों, अभिभावकों और आयोजकों को इस श्रेष्ठ आयोजन के लिए बधाई देता हूँ।”

‎सम्मान और प्रमाणपत्रों के साथ हुआ समापन

‎कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को ट्रॉफी और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजकों ने सहभागिता के लिए सभी स्कूलों और शिक्षकों का आभार प्रकट किया।