उत्तराखंड : न्याय के लिए भटक रही महिला सिपाही, पति ने दिया तीन तलाक़
देहरादून: पुलिस के पास लोग न्याय के लिए जाते हैं।लेकिन, जब पुलिस सिपाही को ही न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़े, तो फिर आम लोग क्या उम्मीद करेंगे। ऐसा ही एक मामला राजधानी देहरादून में तैनात महिला सिपाही ने दर्ज कराया है। महिला सिपाही ने आरोप लगाया कि उसके पति ने उसे तीन तलाक देकर प्रताड़ित किया।
शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इतना ही नहीं उसका तबादला भी रुद्रप्रयाग करा दिया। साथ ही सस्पेंड कराने की धमकी दे रहा है। इससे जहां महिला सिपाही को प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। वहीं, पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर पुलिस किसके दबाव में काम कर रही है।
पुलिस विभाग में एक महिला सिपाही को ही न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। सिपाही का आरोप है कि पति ने उसे पीटने के बाद तीन तलाक दे दिया था। शिकायत तब उसने महिला हेल्पलाइन के साथ ही क्षेत्र की पुलिस चौकी में की, लेकिन पुलिस अपनी ही महिला कर्मचारी की मदद करने को तैयार नहीं हुई। आरोप यह भी है कि पति के दबाव में विभाग ने सिपाही का तबादला रुद्रप्रयाग कर दिया।
आरोपित पति स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात है और वर्तमान में मुख्यमंत्री आवास में संबद्ध है। अब जाकर घटना के सवा साल बाद इस मामले में पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता महिला सिपाही अंजूनिशा ने बताया कि उनकी शादी वर्ष 2006 में माजरा निवासी शाहबुद्दीन के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे हुए। इसके कुछ समय बाद ससुर ने उन्हें पति और बच्चों के साथ घर से निकाल दिया।
वह परिवार समेत किराये पर रहने लगीं और बाद में लोन लेकर अपना मकान बनवाया। इस बीच पति शाहबुद्दीन आए दिन उनके साथ बदसलूकी करने लगा। पति उनके साथ छोटी-छोटी बात पर गाली-गलौज भी करता था।
इससे आजिज आकर सिपाही ने दिसंबर 2020 में महिला हेल्पलाइन में लिखित शिकायत की, मगर उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सिपाही का कहना है कि वह नौकरी के साथ अपने दोनों बच्चों की देखभाल भी करती थीं। आरोप है कि 28 मार्च 2021 को पति ने उन्हें पीटा और फिर अपने पिता व अन्य रिश्तेदारों को बुलाकर उनके सामने तीन बार तलाक बोल दिया। इसके बाद आरोपित ने जान से मारने की नीयत से उन पर चाकू से हमला भी किया। तब रिश्तेदारों ने किसी तरह उनकी जान बचाई।
सिपाही ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अपने साथ हुई बदसलूकी की शिकायत उन्होंने उसी समय आइएसबीटी पुलिस चौकी में की, मगर इस दफा भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उस समय वह देहरादून में अभियोजन कार्यालय में तैनात थीं। इस घटना के बाद वह बच्चों के साथ पति से अलग रहने लगीं।
वहीं, विभाग ने 31 मई 2022 को उन्हें अभियोजन कार्यालय से हटाकर उनका तबादला रुद्रप्रयाग कर दिया। सिपाही का आरोप है कि तबादला उनके पति के दबाव में किया गया। इतना ही नहीं, आरोपित ने तबादले के बाद उन्हें निलंबित करवाने की धमकी भी दी।
पटेलनगर कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर रविंदर यादव ने बताया कि उनके पास मंगलवार को शिकायत आई थी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पहले दी गई शिकायत के बारे में उन्हें मालूम नहीं है।