संविधान के नियमों के पालन से ही हो सकता है समाज व देश का उत्थान – गीता सिंह
कोटद्वार : झंडीचौड़ उत्तरी मे स्थित अम्बेडकर पार्क मे संविधान दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माला पहनाकर पुष्प अर्पित किए गए। इस अवसर पर गीता सिंह ने उपस्थित लोगों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाते हुए संविधान दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम में देश के संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हुए पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ संविधान की प्रस्तावना का पालन करने और अपने दायित्वों एवं कर्तव्यों का निर्वहन करने की शपथ ली गई। कार्यक्रम मे बड़ी संख्या मे क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अम्बेडकर महिला मंच की जिलाध्यक्ष गीता सिंह, रंजना देवी, किसान मोर्चा के अध्यक्ष आलम सिंह, देवसिंह ने अपने विचार व्यक्त किये।
अम्बेडकर महिला मंच की जिलाध्यक्ष एवं समाजसेवी गीता सिंह ने सभी को संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा की 26 नवंबर भारतीय लोकतंत्र मे एक महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन 1949 मे भारतीय संविधान को अंगीकार किया गया था, इसे बनाने मे 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा। भारतीय संविधान लिखित मे दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, यह केवल एक दस्तावेज ही नहीं बल्कि भारतीय समाज के आदर्शो मूल्यों और संकल्पों का प्रतिबिम्ब है। संविधान भारत की आत्मा है, हमें संविधान के प्रति लोगो को जागरूक करना होगा व संविधान को अपने जीवन मे व्यवहारिक बनाना होगा।
कार्यकम को सम्बोधित करते हुए गीता सिंह ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित भारत का संविधान 29 नवंबर 1949 को लागू किया गया। भारत के संविधान में हर वर्ग का ध्यान रखा गया। डा.भीमराव अंबेडकर ने देश के अंतिम लोग तक समानता और उसके हक को लेकर संविधान का निर्माण किया। हमें संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों की रक्षा के साथ मौलिक कर्तव्यों का भी तत्परता के साथ पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना सबकी जिम्मेदारी है। संविधान के प्रति निष्ठा और सम्मान रखते हुए देश में शांति, सद्भाव और सामाजिक समरसता बनाए रखना भी हम सबका दायित्व है।
इस अवसर पर भारत मुक्ति मोर्चा के सतीश ओडवाल, किसान मोर्चा के अध्यक्ष आलम सिंह सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत चौधरी, मनोज सिंह, सुदेश कुमार, देवसिंह, टीकाराम कटारिया, विनोद देवी, रेखा देवी संतोष देवी, विजमा देवी, खेमसिंह, लीलावती देवी मीनाक्षी, पिंकी देवी, नरेंद्र कुमार, सरोज देवी आदि ने मिलकर बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी