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उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, ₹40 लाख की साइबर ठगी में अंतरराज्यीय गिरोह की महिला सदस्य गिरफ्तार, फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल और अमेरिकी नंबरों से देती थी झांसा

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  • उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई – अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह के एक सक्रिय सदस्य की गिरफ्तारी – फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल व अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों का करती थी उपयोग ।
  • उत्तराखण्ड एसटीएफ के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून द्वारा साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में महिला अभियुक्ता को ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र, देहरादून (उत्तराखंड) से गिरफ्तार किया गया।
  • पीड़िता को झांसे में लेने हेतु व्हाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर ( अमेरिका आधारित ) का किया जा रहा था प्रयोग।
  • पीडिता को सरकारी एजेंसी की अधिकारी बताकर की गयी लगभग 40 लाख रूपये की धोखाधडी ।
  • अभियुक्ता द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म् का इस्तेमाल कर खुद को विभिन्न एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़िता से की जा रही थी ठगी।
  • अभियुक्ता द्वारा लाखों की साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग नामों से व्हाट्सएप प्रोफाइल व इंटरनेशनल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था।
  • ठगी हेतु प्रयोग किए गए खातों में मई 2025 से जून के बीच लाखों रुपये का लेनदेन प्रकाश में आया है।
  • महिला अभियुक्ता के पास से घटना में प्रयुक्त 02 मोबाइल फोन, 03 डेबिट कार्ड्स, 02 सिम कार्ड्स बरामद हुए हैं।

देहरादून : पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड दीपम सेठ के दिशा निर्देशन में साइबर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए साइबर पीड़ितों को न्याय दिलाया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नवनीत सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि एक प्रकरण देहरादून निवासी पीड़िता द्वारा मई 2025 में दर्ज कराया गया था। पीड़िता को व्हाट्सएप पर अमेरिका के नंबर से कॉल कर एक महिला ने स्वयं को सरकारी एजेंसी की अधिकारी बताया। व्हाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से विश्वास जीतकर पीड़िता को गोल्ड का बिजनेस शुरू करने हेतु रा मैटेरियल खरिदने के नाम पर उससे बार-बार धनराशि स्थानांतरित करवाई गई। पूरे अपराध में अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर, फर्जी पहचान, और तकनीकी माध्यमों का उपयोग कर मानसिक रूप से पीड़ित पर नियंत्रण बनाया गया। पीड़िता को इस बात का आभास भी नहीं हुआ कि वह एक सुनियोजित साइबर ठगी का शिकार बन रही है।

प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा मिश्रा एवं विवेचना आशीष गुसाई निरीक्षक, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।

साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधी महिला अभियुक्ता को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्ता की तलाश जारी की । साईबर टीम द्वारा विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत प्रकाश में आये अभियुक्ता रमनदीप कौर पुत्री दलजीत सिंह, सराली कलां, जिला तरण तारण, पंजाब के रूप में की गई जो फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल व अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों उपयोग कर लाखों की साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग नामों से व्हाट्सएप प्रोफाइल व इंटरनेशनल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था इसी क्रम में आरोपी अभियुक्ता रमनदीप कौर पुत्री दलजीत सिंह को ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र, देहरादून (उत्तराखंड) से गिरफ्तार किया गया व साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा न्यायालय में उपस्थित कराकर अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही विधिक प्रावधानों के तहत की गई ।

अपराध का तरीका

अभियुक्ता द्वारा पीडिता को व्हाट्सएप पर अमेरिका के नंबर से कॉल कर महिला ने स्वयं को सरकारी एजेंसी की अधिकारी बताया। व्हाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से विश्वास जीतकर पीड़ित को गोल्ड का बिजनेस शुरू करने हेतु रा मैटेरियल खरिदने के नाम पर उससे बार-बार धनराशि स्थानांतरित करवाई पूरे अपराध में अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर, फर्जी पहचान, और तकनीकी माध्यमों का उपयोग कर मानसिक रूप से पीड़ित पर नियंत्रण बनाया गया। पीड़िता को इस बात का आभास भी नहीं हुआ कि वह एक सुनियोजित साइबर ठगी का शिकार बन रही है।

प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्ता ने साईबर अपराध हेतु जिस बैंक खातों का प्रयोग किया गया है उसमें मात्र 1-2 माह में ही लाखों रूपयों का लेन-देन होना प्रकाश में आया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्तागण के बैंक खाते के विरुद्ध देश के कई राज्यों में कुल 04 साईबर अपराधों की शिकायतें निम्नवत दर्ज हैं । जिसके सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है ।

S.no Acknowledgement NoStateDistrictPolice StationCategory
1.31105250097636    GUJARATBHARUCHBHARUCH RURALOnline Financial Fraud
2.32905250027877  TAMILNADUTRIPLICANE AWPS TRIPLICANE Online Financial Fraud
3.33105250056442   UTTAR PRADESHGautam Buddha Nagar BISRAKHOnline Financial Fraud
4.33505250008739  UTTARAKHANDDEHRADUN PATEL NAGAR Online Financial Fraud

गिरफ्तार अभियुक्ता का नाम पता

  • रमनदीप कौर पुत्री दलजीत सिंह, सराली कलां, जिला तरण तारण, पंजाब

गिरफ्तारी का स्थान 

  • ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र, देहरादून (उत्तराखंड)

बरामदगी

  •  02 मोबाइल फोन जिनमें अलग-अलग व्हाट्सएप अकाउंट्स एक्टिव थे।
  • 02 फर्जी सिम कार्ड।
  • 03 डेबिट कार्ड्स
  • पासबुक व अन्य तकनीकी साक्ष्य

गिरफ्तारी पुलिस टीम

  • निरीक्षक आशीष गुसाई
  • उपनिरीक्षक राजेश ध्यानी
  • कानि. सुधीश खत्री
  • कानि. मोहित

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड नवनीत सिहं द्वारा जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट एक स्कैम है जो वर्तमान में पूरे भारत वर्ष में चल रहा है, कोई भी सीबीआई अफसर, मुम्बई क्राईम ब्रान्च, साइबर क्राइम, IT या ED अफसर या कोई भी एजेंसी आपको व्हाट्सएप के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करने हेतु नोटिस प्रेषित नहीं करती है। साथ ही कोई व्यक्ति आपको फर्जी दस्तावेज, अवैध सामग्री आदि के नाम पर आपको डरा धमका रहा है या पैसों की मांग कर रहा है तो इस सम्बन्ध में STF/साइबर थानों में अतिशीघ्र अपनी शिकायत दर्ज करायें। उक्त सम्बन्ध में ज्यादा से ज्यादा जागरुक हों। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन कम्पनी की फ्रैन्चाईजी लेने, यात्रा टिकट आदि को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से पूर्ण वैरीफिकेशन व भली-भाँति जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर का नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें । अगर आपको ऐसी ही कोई कॉल या मैसेज आए तो इसकी शिकायत जरूर करें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर चाक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। आप इस तरह की घटना की शिकायत 1930 साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर या http://www.cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करा सकते हैं।