Thursday, November 28th 2024

उत्तराखंड: 5 सौ रुपये होते तो जेल से मिल जाती मुक्ति, लेकिन…

उत्तराखंड: 5 सौ रुपये होते तो जेल से मिल जाती मुक्ति, लेकिन…

उत्तराखंड: 5 सौ रुपये होते तो जेल से मिल जाती मुक्ति, लेकिन… पहाड़ समाचार editor

नैनीताल: स्वतंत्रता दिवस पर हर साल जेल में बंद कुछ कैदियों को जेल से मुक्ति मिलती है। उनका रिहा कर दिया जाता है। इस बार भी कुछ कैदियों को प्रदेश की अलग-अलग जेलों से रिहा किया जाना था, लेकिन उनकी रिहाई अटक गई है। रिहाई अटकने के पीछे जो कारण है। वह है तो मामूली सा, लेकिन उनके लिए बहुत बड़ा संकट है, जिनको रिहा होना था।

नैनीताल जेल और हल्द्वानी उप कारागार में कई ऐस बंदी हैं, जिनको पांच सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये जमा करते थे, लेकिन वो नहीं कर पाए। पौसा नहीं होने के कारण उनकी रिहाई टल गई है। ये वो कैदी हैं, जिनकी सजा तो पूरी हो गई है, लेकिन कोर्ट से मिले आर्थिक दंड का पैसा जमा नहीं कर पाने के कारण अतिरिक्त कारावास काटने को मजबूर हैं।

उत्तराखंड : बड़ा खुलासा, पति ने पत्नी को मार डाला, पुलिस से बोला सेल्फी लेने के चक्कर में गिरी 

वर्तमान में हल्द्वानी उप कारागार में पंद्रह और नैनीताल जेल में पांच कैदी ऐसे हैं जो आर्थिक परेशानी के चलते आजादी का जश्न नहीं मना पाएंगे। देहरादून और टिहरी गढ़वाल जेल के भी कमोवेश हल्द्वानी जेल जैसे ही हालात हैं। आंकड़ों के मुताबिक देहरादून जेल में 18 कैदी और टिहरी जेल में पांच कैदी जुर्माने की सजा भुगत रहे हैं। परिजनों के प्रयास भी उनकी आर्थिक तंगी के सामने हारते नजर आ रहे हैं।

उत्तराखंड: 5 सौ रुपये होते तो जेल से मिल जाती मुक्ति, लेकिन… पहाड़ समाचार editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *