उत्तराखंड: साइबर ठगों को ना DM ना DGP का डर, दोनों के नाम से बना चुके फेक ID

उत्तराखंड: साइबर ठगों को ना DM ना DGP का डर, दोनों के नाम से बना चुके फेक ID

देहरादून: साइबर ठगी के मामले उत्तराखंड खासकर राजधानी देहरादून देशभर में पांचवें नबर पर है। यहां हर दिन साइबर ठगी का कोई ना कोई नया मामला सामने आता रहता है। पहले DGPऔर डीएम के नाम से भी साइबर ठगों ने ठगी का प्रयास किया है। इस बार निशाना कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि DM और SDM को ही बनाया गया था। लेकिन, SDM ने झांसे में आने से पहले ही DM को फोन कर उनको पूरा सच बता दिया।

सवाल यह है कि क्या साइबर ठग इतने निडर हो गए हैं कि उनको ना तो DM का डर सता रहा है और ना पुलिस के मुखिया DGP का। दोनों की बड़े अधिकारियों के नाम से साइबर ठग ठगी का प्रयास कर चुके हैं। आम लोग तो हर दिन इस तरह के लोगों के झांस में फंस जाते हैं। हालांकि, जागरूकता के बाद लोग अब जल्दी ये इनके झांसे में नहीं आते हैं।

व्हाटसएप पर साइबर ठग ने देहरादून DM का फोटो लगाकर विकासनगर SDM को मैसेज भेज दिया। उनसे कुछ मदद मांगी, लेकिन शक होने पर होने पर एसडीएमए ने उीएम को फोन कर मामले की पूरी जानकारी दी। डीएम के निर्देश पर मामले की जांच साइबर सेल को सौंप दी गई है।

विकासनगर SDM विनोद कुमार के फोन पर DM डॉ. आर राजेश कुमार की फोटो लगे व्हाटसएप से मैसेज आया ‘हेलो विनोद कुमार आप कैसे हैं’। एसडीएम कुछ समझ पाते, एक और मैसेज आया आप इस समय कहां हैं। मैसेज को जवाब देने से पहले ही एक और मैसेज आ गया। उस मैसेज में यह भी कहा गया था कि मैं एक जरूरी मीटिंग में हूं, कुछ जरूरी मदद चाहिए।

कुछ देर सोचने के बाद SDM ने DM को फोन किया और उनसे मैसेज के बारे में पूछा। डीएम ने किसी भी तरह का मैसेज भेजने की बात से इंकार दिया। इसके बाद डीएम के निर्देश पर विकासनगर SDM ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। मामले की जांच में पता चला है कि फेक आईडी बनाकर यह मैसेज किया गया था। अब आरोपी की तलाश की जा रही है।

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