VHSND के दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर, उनका उचित प्रबंधन किया जाए सुनिश्चित – सीडीओ आकांक्षा कोण्डे
हरिद्वार : विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कोमल, पिरामल फाउंडेशन, प्रोजेक्ट मानसी और रजत शहरी ग्रामोत्थान संस्थान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने निर्देश दिए कि ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (VHSND) को और प्रभावी बनाने के लिए सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों का अभिमुखीकरण किया जाए। इसके तहत प्रत्येक सुपरवाइजर को एक सुदृढ़ विजिट प्लान तैयार करने की भी हिदायत दी गई ताकि सेवाओं का सही संचालन सुनिश्चित हो सके। बैठक में निर्देशित किया गया कि VHSND के दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर, उनका उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। यह कदम मातृ मृत्यु दर को कम करने और जनपद में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया।
सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने यह भी निर्देश दिए कि ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के दौरान सभी आवश्यक सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही, अधिक से अधिक लोगों को इन सेवाओं के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया गया। इसके लिए स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों और मीडिया का सहयोग लेने की बात कही गई ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी व्यापक स्तर पर पहुंचाई जा सके। पिरामल फाउंडेशन, प्रोजेक्ट मानसी और रजत शहरी ग्रामोत्थान संस्थान के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया कि वे स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कार्य करें। इन संस्थाओं से कहा गया कि वे अपने सहयोगात्मक प्रयासों की रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में नियमित रूप से प्रस्तुत करें।
मुख्य विकास अधिकारी ने जोर देकर कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित प्रथम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता वृद्धि के लिए नियमित प्रशिक्षण और बैठकें आयोजित की जाएं। इससे वे स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक बेहतर तरीके से पहुंचा सकें और जनपद में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।