डीएम हिमांशु खुराना ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यो की ली समीक्षा बैठक, लंबित परियोजनाओं को प्रत्येक दशा में मार्च 2024 तक पूर्ण करने के दिए निर्देश
चमोली : जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि जेजेएम के अंतर्गत समस्त परियोजनाओं को प्रत्येक दशा में मार्च 2024 तक पूर्ण करने के साथ ही सभी घरों में पाइप लाइन के जरिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि लंबित परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए और रेगुलर मॉनिटरिंग करते हुए अवशेष कायों को मिशन मोड में पूर्ण किया जाए। हर घर जल सर्टिफिकेशन के लिए रोस्टर निर्धारित करते हुए सर्टिफिकेशन कार्यो तेजी लाई जाए। जिन घरों में एफएचटीसी हो गई है, उनको शीघ्र पोर्टल पर अपलोड करें। इस दौरान जल संस्थान एवं निगम के सभी डिवीजनों के अन्तर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। बैठक में जल निगम गोपेश्वर के अधिशासी अभियंता के उपस्थित न रहने पर उनका स्पष्टीकरण तलब किया गया।
जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार सैनी ने अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत में 76344 घरेलू जल संयोजन के सापेक्ष अभी तक 76168 घरेलू जल संयोजन किए जा चुके है और 99.77 प्रतिशत एफएचटीसी का कार्य पूरा कर लिया गया है। अवशेष 176 घरेलू संयोजन का कार्य प्रगति पर है। विकासखंड दशोली, नंदानगर, जोशीमठ, पोखरी, देवाल और थराली में एफएचटीसी का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। दूसरे चरण में 547 योजनाओं में से 222 पूर्ण और 325 योजनाएं प्रगति पर है, जो अगले माह मार्च तक पूर्ण कर ली जाएंगी। जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल योजनाओं के पुनर्गठन एवं जल स्रोतों के सुधारीकरण के लिए आवंटित 24434.50 लाख बजट के सापेक्ष 6945.43 लाख व्यय कर लिया गया है। कुल 1252 योजनाओं में से 474 योजनाओं की जियो टैगिंग कर ली गई है। नलकूप पेयजल योजनाओं के लिए विद्युत कनेक्शन कर लिए गए है। जनपद के सभी 1376 विद्यालयों, 953 आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं 592 पंचायत भवनों मेें एफएचटीसी का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
बैठक में जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार सैनी, अधिशासी अभियंता एसके श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार, जल निगम कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता अरुण प्रताप सिंह, गोपेश्वर के सहायक अभियंता सुरेंद्र लाल, एसडीओ जुगल किशोर आदि उपस्थित थे।