DDCA के अधिकारी भी पहुंचे देहरादून, BCCI सचिव जय शाह ने कहा ऋषभ पंत के इलाज पर टीम रख रही नजर

DDCA के अधिकारी भी पहुंचे देहरादून, BCCI सचिव जय शाह ने कहा ऋषभ पंत के इलाज पर टीम रख रही नजर

 

देहरादून: दुर्घटना में घायल हुए ऋषभ पंत को बेहतर इलाज के लिए मुंबई भेजा सकता है. जहां बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनके लिगामेंट का इलाज करेगी. हालांकि, अब तक बीसीसीआई की ओर से इसको लेकर आधिकारिक स्टेटमेंट नहीं दिया है. बीसीसीआई ने कहा कि हम उनके इलाज पर नजर बनाए हुए हैं. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि उनका पूरा इलाज किया जाएगा. हमारी डॉक्टरों की टीम ऋषभ की रिकवरी पर पूरा फोकस किए हुए है. इस बीच डीडीसीए के ऑफीशियल भी दून के मैक्स अस्पताल पहुंचे और ऋषभ पंत का हाल जाना. उन्होंने कहा कि ऋषभ के इलाज के बारे में जो भी जानकारी होगी, वह बीसीसीआई की ओर से दी जाएगी. डीडीसीए उनके साथ एक परिवार की तरह खड़ी है. परिवार को पूरा सपोर्ट दिया जाएगा.

भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत 30 दिसंबर को रुड़की के पास कार दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे. जब उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई और उसमें आग लग गई. इस दौरान पंत के माथे, पीठ और पैरों में काफी चोट आई. पहले उन्हें नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. लेकिन बाद में पंत को देहरादून रेफर कर दिया गया जहां मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पंत की चोट के बारे में कोई ढील बरतना नहीं चाहता. सूत्रों के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा, ऋषभ पंत के लिगामेंट चोट का इलाज अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की मेडिकल टीम करेगी. बीसीसीआई के डॉक्टर देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों के संपर्क में हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्स हॉस्पिटल को बता दिया है कि पंत के लिगामेंट की पूरी जिम्मेदारी अब बोर्ड की मेडिकल टीम की होगी. अगले कुछ दिनों में ऋषभ पंत को मैक्स हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा सकता है. इसके बाद उन्हें मुंबई शिफ्ट किया जाएगा. जहां मेडिकल टीम उनके लिगामेंट की जांच करेगी कि उनकी चोट किस स्तर की है. इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि पंत को विदेश भेजा जाए या नहीं. लिगामेंट फायबर्स का ऐसा ग्रुप होता है जो हड्डियों को आपस में जोड़ता है. इसमें जब इंजरी होती है तो जख्म भरने में समय लगता है. ऐसा कहा जा रहा है कि पंत को फिट होने में 9 महीने का वक्त लग सकता है. ऐसे में वह क्रिकेट से लंबे समय तक बाहर रह सकते हैं.