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सेना के जवान लेंगे टिहरी की ट्रॉउट फिश का आनन्द, मत्स्य विभाग टिहरी गढ़वाल ने आईटीबीपी को 01 कुंतल से अधिक ट्रॉउट फिश की सप्लाई

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टिहरी : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार की स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की मुहिम कारगर साबित होती जा रही है। इसी क्रम में मत्स्य पालन विभाग एवं आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के आपसी अनुबंध के आधार पर मत्स्य पालन विभाग द्वारा आईटीबीपी को उनके मांग पर 01 कुंतल 20 किलो ट्रॉउट मछलियां उपलब्ध कराई गई। प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले ही स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की मुहिम शुरू की थी, जिसे जनपद टिहरी गढ़वाल में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित गति देने का काम कर रहे हैं। जनपद निरन्तर विकास की ओर उन्मुख है।

मस्त्य विभाग और आईटीबीपी के बीच हुए करार के अनुसार आईटीबीपी को स्थानीय स्तर से मछली मुर्गी, बकरा आदि क्रय करने का अनुबंध किया गया था। इसी क्रम में आईटीबीपी सीमाद्वार देहरादून की डिमांड पर सोमवार को मत्स्य पालन विभाग ने विकासखंड जौनपुर की सॉन्ग वैली मत्स्य जीवी सहकारी समिति के माध्यम से ग्राम हटवाल गाँव से 120 किलो ट्रॉउट मछली आइटीबीपी सीमाद्वार देहरादून पहुंचाई।

जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड जौनपुर की ग्राम हटवाल गांव की सॉन्ग वैली मत्स्य जीवी सहकारी समिति के अध्यक्ष पंचम हटवाल ने मत्स्य पालन कर स्वरोजगार की राह से आर्थिक सशक्तिकरण का उदाहरण जनपद के युवाओं लिए पेश किया है। पंचम हटवाल ने विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर ट्राउट मछली पालन की ओर अपना स्वरोजगार देखा। उन्होंने वर्ष 2019 में विभागीय मदद से 10 सीमेंटेड तालाब का निर्माण किया, जिसमें ट्राउट प्रजाति की मछलियों का पालन किया। व्यापार में अच्छा मुनाफा देखते हुए उन्होंने वर्ष 2022 में पांच और सीमेंटेड तालाबों का निर्माण किया।

पंचम हटवाल ने बताया कि आईटीबीपी को ट्राउट मछलियों का सप्लाई करना मेरे लिए एक बहुत ही गौरवपूर्ण क्षण है। उन्होंने विभाग का धन्यवाद करते हुए बताया कि आईटीबीपी से अनुबंध के माध्यम से हमारे व्यापार को एक अच्छा प्लेटफार्म मिला है। इससे हमारी मार्केटिंग भी अच्छी हुई है, जिससे लार्ज स्केल में हमारा प्रोडक्शन सेना के जवानों के लिए जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्राउट की डिमांड बहुत अधिक है, इसकी डायरेक्ट सप्लाई दिल्ली, चंडीगढ़ और लोकल में चंबा, कानातल और धनोल्टी में हो रही है। उन्होंने बताया कि वे सालाना तीन से चार लाख रुपए की आमदनी कर रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही व्यापार में भी अच्छा खासा फायदा हो रहा है।

सहायक निदेशक मत्स्य विभाग टिहरी गढ़वाल उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार की सराहनीय पहल पर विकास जौनपुर की सॉन्ग वैली मत्स्य जीवी सहकारी समिति द्वारा ग्राम हटवाल गाँव से आइटीबीपी सीमाद्वार देहरादून को 1 कुंटल 20 किलो ताजी व पौष्टिक मछली उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी द्वारा 120 किलो की डिमांड साप्ताहिक है। जैसे-जैसे आईटीबीपी की डिमांड आएगी उसके अनुसार उन्हें आपूर्ति की जाएगी। बताया कि यह योजना स्थानीय स्तर पर उत्पादित ट्राउट मछली को प्रोत्साहित कर वोकल फॉर लोकल अभियान को सशक्त बना रही है, जिससे क्षेत्रीय संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो रहा है।

ट्राउट मछली में भरपूर पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं, जिसमे में ओमेगा-3 फैटी एसिड, ओमेगा-6 फैटी एसिड, उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, विटामिन ई-12 विटामिन ई-6, नियासिन ई-3, राइबोफ्लेविन ई-2, आयोडीन, सेलेनियम, जिंक, फास्फोरस आदि पोषक तत्व उचित मात्रा में पाये जाते हैं। ट्राउट मछली में प्रोटीन पाचन की दर लगभग 90-95 मानी जाती है, जिसका तात्पर्य है कि इसमें उपस्थित अधिकांश प्रोटीन आसानी से पच जाता है। सामान्यतः 100 ग्राम ट्राउट मछली में लगभग 20-25 ग्राम प्रोटीन उपलब्ध होता है। इसकी लीन मांस संरचना और न्यूनतम कोलेजन सामग्री के कारण, ट्राउट मछली का प्रोटीन पचने और शरीर में अवशोषित होने में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लगता है।

जनपद टिहरी गढ़वाल, गत वर्ष आइटीबीपी मंथली उत्तरकाशी को 125 कुंटल मछली की डिमांड पूरी करने में भी सक्षम रहा है। टिहरी मत्स्य पालक विभाग ने भिलंगना ब्लॉक के चांजी स्थित मत्स्य जीबी सहकारी समिति से आईटीबीपी की डिमांड पूरी कर चुका है।