- श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में हार्ट वाइस-18 विषय पर कैंपेन चलाकर युवा अवस्था के हार्ट रोगियों के मामलों पर हुआ विमर्श
- युवाओं को क्यों हो रहे हृदय रोग और हार्ट अटैक आंकड़े चौंकाने वाले
- शरीर में अनियमित लिपिड की अवस्था, खराब जीवन शैली, अत्यधिक धूम्रपान, तेलीय खाद्य पदार्थों का अधिक इस्तेमाल मुख्य कारक
- जैनेटिक डिस्लिपिडिमिया के आधार पर कैंपेन में जागरूकता दी गई
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में तीन दिवसीय कैंपेन का आयोजन किया गया। हार्ट वाइस-18 जैनेटिक डिस्लिपिडिमिया विषय पर आधारित कैंपेन में मेडिकल काॅलेज के छात्र-छात्राओं, नर्सिंग स्टाफ व नाॅन मेडिकल सहयोगी स्टाफ के हार्ट से जुड़े विभिन्न मापदण्डों का मूल्यांकन एवं अध्ययन किया गया। देश विदेश में 18 ये 30 वर्ष के युवाओं में गम्भीर हृदय रोगों के मामले प्रकाश में आने के बाद इस विषय को बेहद गम्भीरता से लिया जा रहा है। इस कैंपेन की खास बात यह रही कि इसमें 623 युवाओं (लड़के लड़कियों) का स्वास्थ्य परीक्षण किया। लड़कियों ने बढ़चढ कर सैंपल देने में रूचि दिखाई।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैथ लैब डायरेक्टर प्रो. डाॅ तनुज भाटिया ने कहा कि इस कैंपेन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को हृदय रोगों के प्रति जागरूक करना है। देश विदेश में ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं जिसमें 18 से 30 वर्ष के युवाओं को भी हार्ट अटैक व गम्भीर हृदय रोगों के होने के मामले प्रकाश में आए हैं।
कृष्णा श्रॉफ ने की कैंपेन की सराहना
बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ की बेटी कृष्णा श्रॉफ, जो मुंबई से इस कैंपेन में भाग लेने के लिए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पहुंचीं, ने इस पहल को सराहा। उन्होंने कहा कि युवाओं के फिटनेस से जुड़ी यह पहल सराहनीय है। उन्होंने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. तनुज भाटिया और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की पूरी टीम को इस मुहिम के लिए बधाई दी।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 28 से 30 अप्रैल तक कैंपेन का आयोजन किया गया। कैंपेन के दौरान 2 मरीज़ जैनेटिक डिस्लिपिडिमिया के मामले भी प्रकाश में आए। 27 वर्षीय राघव एक स्कूल में अध्यापक हैं। वह स्कूल में नियमित कक्षा ले रहे थे। अचानक क्लास लेने के दौरान वह बच्चों के सामने ही गिर गए। मेडिकल साइंस में इस अवस्था को पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहते हैं। इसमें खूना का एक थक्का फेफड़े और हृदय के मुहाने पर आकर जम गया था। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में इस मरीज़ पैन्म्ब्रा तकनीक से हृदय उपचार किया गया। मरीज़ बिल्कुल स्वस्थ हैं और डिस्चार्ज हो चुके हैं। इस मामले को विशेष रूप से कैंपेन में लिया गया।
इस कैंपेन में श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ सांइंसेज की मेडिकल छात्राओं ने भारी संख्या में प्रतिभाग किया। अपने अनुभव साझा करते हुए छात्र-छात्राओं ने कहा कि इस प्रकार का जागरूकता कार्यक्रम बहुत अच्छा है। देश विदेश में इस विषय को बेहद गम्भीरता के साथ लिया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने भी इस विषय पर ध्यान आकर्षित करवाने हेतु आयोजन टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।