स्कूलों व बच्चों के सर्वांगीण विकास में प्रधानाचार्यों की भूमिका व उत्तरदायित्वों पर हुआ मंथन, श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के वार्षिक अधिवेशन में विभिन्न राज्यों के 100 से अधिक प्रधानाचार्यों ने किया प्रतिभाग
![स्कूलों व बच्चों के सर्वांगीण विकास में प्रधानाचार्यों की भूमिका व उत्तरदायित्वों पर हुआ मंथन, श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के वार्षिक अधिवेशन में विभिन्न राज्यों के 100 से अधिक प्रधानाचार्यों ने किया प्रतिभाग](https://hssamachar.com/wp-content/uploads/2024/06/IMG-20240630-WA0010-e1719741251625.jpg)
- शिक्षा की गुणवत्ता, स्कूलों में प्रधानाचार्यों की महत्वपूर्णं भूमिका व स्कूलों को रोल माॅडल बनाए जाने पर हुआ मंथन
देहरादून। स्कूली शिक्षा को और आधुनिक व प्रखर बनाने में प्रधानाचार्यों की भूमिका सबसे महत्वपूर्णं है। वर्तमान परिवेश में आधुनिक शिक्षा में शिक्षाव्दिों को नित नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय स्तर पर एक प्रधानाचार्य की भूमिका बेहद महत्वपूर्णं होती है। प्रधानाचार्य एक स्कूल का नीति निर्धारक होता है। अपनी सही सोच व सही निर्णय लेकर वह एक स्कूल को आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में शिखर तक पहुंचा सकता है। प्रधानाचार्य की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अध्यापकों व छात्र-छात्राओं के साथ समन्वय बनाकर उनकी समस्याओं को दूर करे, साथ ही देश-विदेश की स्कूली शिक्षा में हो रहे क्रांतिकारी बदलावों से उन्हें रूबरू भी करवाता है। ऐसे कई महत्वपूर्णं बिन्दुओं पर विशषज्ञों ने अपने विचार सांझा किए। अवसर था एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के स्कूलों के वार्षिक अधिवेशन का। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली के एसजीआरआर स्कूलों के 100 से अधिक स्कूलों के प्रधानाचार्याें ने भाग लिया। कार्यक्रम प्रधानाचार्यों का एक नया विज़न देखने को मिला व यह समझने का अवसर मिला कि प्रधानाचार्य कुछ गुणों का विकास कर किन किन आयामों में अपनी उपयोगिता साबित कर सकते हैं व अपने स्कूल को सर्वश्रेष्ठ स्कूल बना सकते हैं।
श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के अन्तर्गत संचालित एसजीआरआर स्कूलों की वार्षिक प्रधानाचार्य अधिवेशन का शनिवार को आयोजन किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सभागार में विद्यालय के प्रेरणास्त्रोत के रूप में प्रधानाचार्य आधारित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आर.के.गुप्ता, उप सचिव, सीबीएसई, क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून, विशिष्ट अतिथि एच.पी.भट्ट, आजीवन सदस्य एसजीआरआर एजुकेशन मिशन व विशिष्ट अतिथि वीना रावत, आजीवन सदस्य, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने दीप प्रज्जवलित कर व ब्रहमलीन श्रीमहंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एसजीआरआर पटेल नगर की छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम को भक्तिमय बना दिया। विजय नौटियाल, अधिकृत हस्ताक्षरी प्रबन्धक एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने स्वागत अभिभाषण से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि आर.के.गुप्ता ने कहा कि श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के संस्थान गुणवत्तापरक शिक्षा को आम आदमी की पहुंच के अंदर प्रदान कर रहे हैं, यह मिशन का बेहद सराहनीय प्रयास है। उन्होंने सीबीएसई 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणामों में एसजीआरआर स्कूली के मेधावी छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन को प्रशंसनीय बताया। उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों का आह्वाहन किया कि वे सीएबीएसई की वेबसाइट का अध्ययन कर नवीन जानकारियों से अपडेट रहें। एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के आजीवन सदस्य एच.पी.भट्ट ने कहा एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के अन्तर्गत संचालित स्कूलों का माॅडल प्रधानाचार्यों के अनुकूल है। प्रधानाचार्य एक कुशल प्रशासक की तरह अपने सकारात्मक विचारों व निर्णयों को कियान्वित करवाकर स्कूल व छात्र हितों में निर्णय ले सकता है।
वीना रावत, आजीवन सदस्य, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने कहा कि मिशन के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज कुशल प्रशासक के रूप में हम सभी के प्रेरणास्त्रोत हैं। यही कारण है कि एसजीआरआर के स्कूलों को सही दिशा प्राप्त होती है, स्कूल के प्रधानाचार्य शिक्षण प्रशासनिक कार्यों में सुगम समन्वय बनाकर प्रगतिशील कार्यों में अपना शत प्रतिशत योगदान दे पाते हैं। कविता सिंह, प्रधानाचार्या, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल तालाब ने राष्ट्रीय पाठ्य चर्चा की रूपरेखा में जानकारी दी। एनसीएफ के अंतर्गत एक शिक्षक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह बच्चों के सीखने में सहायक हो। जिससे बच्चों को ज्ञान का निर्माण करने में मदद मिले।
डाॅ राजेश अरोड़ा, प्रधानाचार्या, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, पटेल नगर ने किशोरावस्था में बदलते व्यवहार व एक किशोर के साथ शिक्षक का समन्वय सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं को सांझा किया। विनय मोहन थपलियाल, शिक्षा अधिकारी, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने प्रधानाचार्य की भूमिका, अपेक्षाएं एवं चुनौतियां विषय पर जानकारियां सांझा की। डाॅ एच.एस.शर्मा शिक्षा अधिकारी, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने प्रत्येक छोटे बच्चे में खिलने की क्षमता होती है विषय पर व्याख्यान दिया। दीपक थपलियाल, विभागाध्यक्ष मानव संसाधन विभाग, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने शिक्षण कर्मचारियों के व्यवहार कौशल के बारे में महत्वपूर्णं टिप्स दिए। गरिमा शर्मा, प्रधानाचार्या, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, बिंदाल ने विद्यालया के माहौल को बेहतर बनाने में प्रधानाचार्य की भूमिका व छात्र जीवन में खेलों का महत्व विषय पर प्रकाश डाला।
जितेन्द्र कुमार शर्मा, प्रधानाचार्य, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल हरदाई ने शिक्षकों को कुशल एवं सक्रिय बनाने के लिए महत्वपूर्णं जानकारियां सांझा की। प्रधानाचार्य, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, नेहरू ग्राम, चन्द्र प्रकाश नौंर्गाइं ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया। मंच संचालन डाॅ सुनीता रावत, प्रधानाचार्या एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, वसंत विहार ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के पदाधिकारियों, शिक्षकों का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर मुख्य वित्त नियंत्रक मनोज जखमोला व एसजीआरआर एजुकेशन मिशन से जुड़े गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित थे।