परमार्थ निकेतन शिविर महाकुम्भ प्रयागराज में शिवाजी की डोली के साथ महाराष्ट्र से आया वारकरियों का दल, शिवाजी की प्रतिमा को कराया स्नान
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-राष्ट्र के प्रति अटूट भक्ति और जनसेवा का नया अध्याय लिखने वाले महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें भावाजंलि
-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जी की जयंती पर अर्पित की भावभीनी श्रद्धाजंलि
-मराठा सम्राट शिवाजी और श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जी जयंती पर सभी ने उनके नाम की लगायी डुबकी
-वारकरियों ने शिवाजी की डोली के साथ संगम आरती में किया सहभाग
प्रयागराज। महान शासक और राष्ट्र के प्रति अटूट भक्ति एवं जनसेवा का प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर परमार्थ निकेतन शिविर, महाकुंभ, प्रयागराज में महाराष्ट्र से वारकरियों का एक दल शिवाजी महाराज की डोली के साथ शिवाजी के सम्मान में संगम पहुंचा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पवित्र स्नान कराया और उनकी वीरता तथा देशभक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित की।
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर आयोजित इस आयोजन में, उनके योगदान और राष्ट्र के प्रति उनके अटूट प्रेम को सभी ने नमन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा, शिवाजी महाराज ने केवल एक शासक के रूप में ही अपनी विरासत नहीं छोड़ी, बल्कि उन्होंने अपने बल, साहस और संघर्ष से समस्त भारतीयों के दिलों में स्थान बनाया। उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हम अपने देश की रक्षा और सेवा के लिए सदैव तत्पर रहें।
महाराष्ट्र से आए वारकरियों का दल स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में शिवाजी महाराज की डोली के साथ संगम पहुंचा। यह दृश्य अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक था, जो शिवाजी महाराज के प्रति लोगों की श्रद्धा और भक्ति का दर्शन करा रहा है। वारकरियों ने इस अवसर पर शिवाजी की जयकारे लगाए, भजन व कीर्तन गाये।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के नेतृत्व में, शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पवित्र संगम में स्नान कराया गया। इस पवित्र स्नान के दौरान, सभी ने शिवाजी महाराज के योगदान को याद करते हुए उनकी दिव्यता व भव्यता को नमन किया। इसके बाद, सभी ने संगम आरती में भाग लिया।
आज स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद करते हुए कहा, श्री माधवराव गोलवलकर जी ने संघ के माध्यम से समाज में एकता, अखंडता और राष्ट्रवाद को सशक्त किया। उनका जीवन एक आदर्श है, जो हमें प्रेरित करता है कि हम समाज के लिए कार्य करें और अपने राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहें।
दोनों महापुरूषों की जयंती के इस अवसर पर, सभी श्रद्धालुओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज और श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जी के नाम की डुबकी संगम में लगाई। यह डुबकी न केवल श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक थी, बल्कि यह उन महान नेताओं की प्रेरणादायक जीवन यात्रा को सम्मान देने का दिव्य अवसर है।