हौंसला : 97 साल की दादी हरवंत कौर पैदल पहुंची हेमकुंड साहिब
देहरादून : आस्था और दृढ़इच्छा हो तो कठिन से कठिन कार्य पूर्ण किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला चमोली के हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर यँहा 97 साल की महिला श्रद्धालु पैदल ही हेमकुंड साहिब के दर्शनों के लिये पहुंच गई। जिसे देख तीर्थयात्रियों के साथ ही अन्य लोग भी अचंभित हैं। हौसला और हिम्मत हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता। श्रद्धा ऐसी ताकत है, जो सारी दिक्कतों को दूर कर देती है। हर कठिन रास्ता आसान लगने लगाता है। हर ऊंचाई बौनी साबित हो जाती है। ऐसा ही कुछ नजारा सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब में देखने को मिला है। यहां उस वक्त लोग दंग और हैरान रह गए, जब एक 97 साल की दादी पैदल ही हेमकुंड साहिब पहुंच गई।
झारखंड के जमशेदपुर टाटा नगर से 97 साल की उम्र में हरवंत कौर समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब पहुंच गई। उन्होंने घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक 6 किमी की विकट चढ़ाई पैदल ही तय की। जबकि, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के साथ स्वजन ने भी उम्र का हवाला देते हुए उन्हें इस दुर्गम यात्रा को न करने की सलाह दी थी। हरवंत कौर हेमकुंड एक-दो नहीं, बल्कि अब तक 20 बार हेमकुंड की यात्रा कर चुकी हैं। हेमकुंड से लौटने के बाद हरवंत कौर ने बताया कि उनके 75 साल के बेटे अमरजीत सिंह ने कहा कि उनकी उम्र ज्यादा हो गई है। उनको यात्रा नहीं करनी चाहिए। लेकिन, बार-बार मन में हेमकुंड साहिब जाने की ललक उठ रही थी। इसलिए वो दर्शन करने चली आई।
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हरवंत कौर के लिए डंडी-कंडी की भी व्यवस्था की गई थी। लेकिन, संगत के साथ वह पैदल ही 16 जुलाई को गोविंदघाट और 17 जुलाई को हेमकुंड साहिब पहुंचीं। हरवंत कौर ने कहा कि गुरु के धाम जाने का संकल्प ही उनकी यात्रा पूरी कराई है।