Monday, November 25th 2024

उत्तराखंड का साकार होता सपना…2026 तक ब्यासी रेलवे स्टेशन तक पहुंचेगी ट्रेन

उत्तराखंड का साकार होता सपना…2026 तक ब्यासी रेलवे स्टेशन तक पहुंचेगी ट्रेन

 

ऋषिकेश : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम काम तेजी से आगे बढ़ रहा रहा है। रेल विकास निगम ने दवा किया है की दिसंबर 2026 तक ब्यासी रेलवे स्टेशन तक ट्रेन पहुंच जाएगी। निगम का कहना है की रेल विकास निगम ने 127 किलोमीटर सुरंग बनाकर तैयार कर ली है। 60 फीसदी सुरंग पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।

निगम लिमिटेड के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि देवप्रयाग और जनासू रेलवे स्टेशन का करीब 250 मीटर प्लेटफॉर्म सुरंग के अंदर बनेगा। सुरंगों और पुलों के ऊपर बैलास्टक ट्रैक(ट्रैक के नीचे सीसी) बनेगा। ऋषिकेश और मुरादाबाद में टनल कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि खनन सामग्री ना मिलने से काम प्रभावित हो रहा है। सुरंग निर्माण के दौरान मिल रहे 20 फीसदी पत्थर को पीसकर उससे काम चलाया जा रहा है। जरूरी सामग्री मिलने पर काम और तेजी से किया जाएगा।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की पूरी जानकारी

पहाड़ तक रेल पहुंचाने के सपने को पूरा कने के लिए भारतीय रेलवे के साथ ही रेल विकास निगम लगा हुआ है। इसके कंस्ट्रक्शन का काम कई एलएंडटी और कई निजी कंपनियां कर भी कर रही हैं.इसके खुलने के बाद कई जगहों की यात्रा के दौरान समय बचेगा. ऋषिकेश से पड़ने वाले कई धार्मिक स्थलों की यात्रा छोटी और सुविधाजनक हो जाएगी।

2 घंटे का समय लगेगा

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की ओर जाने में 7 घंटे की जगह 2 घंटे का समय लगेगा.  ऋषिकेश से बद्रीनाथ जाने वाले लोग केवल 4 घंटे में यात्रा पूरी कर लेंगे। फिलहाल 11 घंटे की यह पूरी यात्रा है. कर्णप्रयाग से बद्रीनाथ की अगर आत्रा करनी है तो इस रेल लाइन के खुलने के बाद यात्री महज 4.30 घंटे में अपनी यात्रा पूरी कर पाएंगे।

इतना आयेगा खर्च

पहाड़ों पर यह परियोजना पूरी की जा रही है जिसके लिए 4200 करोड़ रुपये एलोकेट किया गया। यह एलोकेशन 2021-22 के बजट में किया गया। अनुमान है कि इसमें 16216 करोड़ रुपये का खर्च तो आएगा।

17 सुरंगों से गुजरेगी ट्रेन

  • 16216 करोड़ की लागत से तैयार हो रही 125 किमी लंबी इस रेल परियोजना में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 105 किमी रेल लाइन 17 सुरंगों के भीतर से होकर गुजरेगी।
  • वर्तमान में परियोजना के नौ पैकेज पर काम चल रहा है।
  • परियोजना की प्रगति देखें तो सुरंग के भीतर तक पहुंच बनाने के लिए लगभग चार किमी संपर्क सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा हो चुका है।
  • जबकि, 116 किमी मुख्य सुरंग में से अब तक 31.39 किमी की खोदाई पूरी हुई है।
  • परियोजना पर छह किमी से अधिक लंबी सुरंग के समानांतर उतनी ही लंबाई की निकास सुरंग भी बननी हैं, जिनकी कुल लंबाई 84.54 किमी है।
  • इसमें से अब तक 33.12 किमी सुरंग की खोदाई कर ली गई है।

सुरंग खोदाई की औसत रफ्तार

  • वर्तमान में परियोजना पर सुरंग खोदाई की औसत रफ्तार पांच से छह किमी प्रतिमाह है।
  • यानी अगले दो माह में 10 से 12 किमी सुरंग की और खोदाई हो जाएगी।
  • ऐसे में इस वर्ष दिसंबर अंत तक लगभग 85 किमी सुरंग खोदाई का कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
  • परियोजना के मुख्य प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि वर्तमान में परियोजना निर्माण की गति बेहतर स्थिति है।
  • अब तक निकास सुरंग में दो और मुख्य सुरंग में एक फेज में आर-पार खोदाई हो चुकी है।
  • निगम का लक्ष्य परियोजना को वर्ष 2024 तक हर हाल में पूरा करने का है।

डबल ट्यूब रेल सुरंग

  • ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक सुरंगों के भीतर बिछाई जाने वाली सिंगल ब्राडगेज रेल लाइन की लंबाई वैसे तो 105 किमी है, लेकिन देवप्रयाग (सौड़) से जनासू के बीच 14.8 किमी लंबाई की दो अलग-अलग सुरंग बनाई जाएंगी।
  • इस डबल ट्यूब टनल में गाड़ियों के आने-जाने के लिए अलग-अलग ब्राडगेज लाइन बिछाई जाएगी।
  • इससे मुख्य सुरंग की लंबाई 105 किमी से बढ़कर 116 किमी के आसपास हो जाती है।
  • परियोजना पर यह सुरंग सबसे अधिक लंबी हैं, जिनकी खोदाई के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • 14.8 किमी लंबी इस सुरंग का 11 किमी हिस्सा टीबीएम और शेष हिस्सा ड्रिल व ब्लास्ट तकनीकी से तैयार होगा।

ये बन रहे रेलवे स्टेशन

वीरभद्र, योग नगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर और कर्णप्रयाग (सेवई)

इन  जिलों को जोड़ेगी

  • कर्णप्रयाग रेल परियोजना गढ़वाल मंडल के पांच जिलों को जोड़ेगी।
  • इनमें देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले शामिल हैं।
  • परियोजना पर कुल 13 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें दो स्टेशन वीरभद्र व योगनगरी ऋषिकेश, देहरादून जिले में हैं।
  • दोनों का निर्माण पूरा होने के बाद यहां से गाड़ियों का संचालन भी शुरू हो चुका है।
  • इसके अलावा टिहरी जिले में शिवपुरी, व्यासी, मलेथा व चौरास, पौड़ी जिले में देवप्रयाग, जनासू व धारी देवी, रुद्रप्रयाग जिले में सुमेरपुर और चमोली में घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग के सेवई रेलवे स्टेशन होंगे।

एक नजर

  • कुल लागत : 16128 करोड़ रुपये
  • कुल लंबाई : 125 किमी
  • 17 सुरंगों से गुजरेगा रेल लाइन का 105 किमी हिस्सा
  • ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच बनेंगे 16 रेल पुल
  • सबसे लंबी सुरंग 14.8 किमी
  • सबसे छोटी सुरंग 220 मीटर
  • ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच होंगे 13 रेलवे स्टेशन