Sunday, November 24th 2024

आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज ने नई दिल्ली में निर्मित किये जा रहे केदारनाथ मंदिर निर्माण के संबंध में दी यह जानकारी …………

आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज ने नई दिल्ली में निर्मित किये जा रहे केदारनाथ मंदिर निर्माण के संबंध में दी यह जानकारी …………
देहरादून : नई दिल्ली में केदारनाथ ट्रस्ट द्वारा निर्मित किये जा रहे केदारनाथ मंदिर निर्माण के संबंध में आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज ने कहा है कि ट्रस्टी सुरेन्द्र रौतेला द्वारा बनाये जा रहे मंदिर के संबंध में राजनीति की जा रही है। इससे पूर्व इंदौर मध्य प्रदेश में बिरला जी द्वारा केदारनाथ मंदिर की स्थापना की गई है तथा ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो संस्थाओं द्वारा इस नाम से बनाये गये हैं।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना आदि शंकराचार्य द्वारा की गयी है, केदारनाथ धाम का कोई प्रतीकात्मक, सकारात्मक प्रतिबिम्ब कोई दूसरा नहीं हो सकता है, तथा केदारनाथ धाम से इसकी तुलना नहीं की जानी चहिए। ट्रस्ट द्वारा मंदिर बनाने का यह कार्य परंपरागत है, इसमें कुछ लोगों का अनावश्यक विवाद पैदा करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें अनावश्यक सरकार को भी टारगेट बनाना उचित नहीं है। हमें ट्रस्ट के इस निर्णय पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए और परंपरा को आगे बढ़ाने वालों को सम्मान देना चाहिए। इसके लिये उन्होंने केदारनाथ धाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज एवं अन्य विद्धत जनों से अपेक्षा की है कि वे लोगों को समझायें कि केदारनाथ में स्थापित ज्योर्तिलिंग एक धाम है इसकी प्रतिष्ठा को कोई मिटा नहीं सकता।उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं केदारनाथ मंदिर बन रहा है जिसका निर्माण उत्तराखण्ड के लोगों द्वारा किया जा रहा है। यह परंपरागत है। इसमें कुछ लोगों द्वारा विघ्न डालने का काम किया जा रहा है, जो उचित नहीं है।
केदारनाथ तो केदारनाथ धाम ही है इसे कोई और नहीं बना सकता है। ट्रस्ट बनाकर केवल केदारनाथ मंदिर का निर्माण करना गलत नहीं है, मंदिर सरकार नहीं बना रही है बल्कि ट्रस्ट बना रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में इस मंदिर का शिलान्यास किया गया है जिसमें अन्य संत समाज एवं विद्वतजनों के साथ वे स्वयं उपस्थित रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में सभी से अपेक्षा की है कि इस संबंध में अनावश्यक विवाद न बढ़ाया जाए तथा लोगों को सही स्थिति से अवगत कराया जाए।