पौड़ी : पुलिस विभाग द्वारा संचालित महिला काउंसलिंग सेल परिवारों को टूटने से बचाने का कार्य कर रही है। यह इकाई दंपत्तियों की काउंसलिंग कर उनके बीच मतभेदों को दूर करने में सफल हो रही है। महिला काउंसलिंग सेल वर्ष 2022 से अप्रैल 2025 तक 690 दंपत्तियों की काउंसलिंग कर चुकी हैं। काउंसलिंग सेल की सहायता से बिखरे हुए परिवार एक होने पर सरकार व पुलिस का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
अक्सर विवाह के बाद कतिपय दंपत्तियों में मनमुटाव की घटनाएं प्रकाश में आती हैं, इसकी वजह शराब, विवाहेत्तर संबंध, पारिवारिक दबाव, दहेज, काम का दबाव जैसे कारण होते हैं। समय के साथ समस्या बढ़ती जाती है और मारपीट व परिवार टूटने की नौबत आ जाती है। यदि समय पर दंपत्तियों की काउंसलिंग हो जाय तो परिवार टूटने से बच जाते हैं और दंपत्ति सुखमय जीवन जीते हैं।
पुलिस की महिला काउंसलिंग इकाई दंपत्तियों की काउंसलिंग कर यह नेक कार्य कर रही हैं। पुलिस की ओर से पुलिस कार्यालय पौड़ी, पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय कोटद्वार और महिला थाना श्रीनगर में महिला काउंसलिंग सेल खोले गये हैं। इसके अलावा हर थाने में महिला हेल्प-डेस्क बनाये गये हैं। इन स्थानों पर दंपत्तियों के बीच विवाद सुलझाने के साथ ही महिलाओं की सहायता की जाती है।
महिला काउंसलिंग सेल में वर्ष 2022 में 254 शिकायतें दर्ज हुई थी। जिनमें काउंसलिंग के बाद महिला काउंसलिंग सेल ने 125 दंपत्तियों के बीच हुए विवाद को सुलझाया गया। वर्ष 2023 में प्राप्त 233 शिकायतों में 117, वर्ष 2024 में 153 में 71 और अप्रैल 2025 तक प्राप्त 50 शिकायतों में से 21 दंपत्तियों के विवाद सुलझाये गये हैं।
महिला काउंसलिंग सेल इंचार्ज एसआई अनीता नेगी ने बताया कि शिकायत दर्ज होने के बाद सभी की काउंसलिंग की जाती है। यदि सामान्य स्तर से विवाद न सुलझाया जाय तो ऐच्छिक ब्यूरो में मामला रखा जाता है। ऐच्छिक ब्यूरो में शामिल पुलिस क्षेत्राधिकारी, उप अभियोजन अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर के प्रतिनिधि और मनोचिकित्सक संबंधित दंपत्तियों की काउंसलिंग करते हैं। यदि कोई दंपत्ति साथ में नहीं रहना चाहता है तो वे न्यायालय में अपना वाद रख सकते हैं। यदि किसी मामले में आपराधिक पहलू दिखता है तो संबंधित पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बिखरे हुए परिवारों के पुनः जोड़कर पौड़ी महिला काउंसलिंग इकाई अपने कार्यों को बख़ूबी ढंग से निभा रही है।