नगर निगम में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के संबंध में क्षेत्रीय जनता ने किया सांकेतिक धरना प्रदर्शन
कोटद्वार । नगर निगम कोटद्वार में व्याप्त ज्वलंत समस्याओं को विभिन्न मंचों पर उठाने के बाद भी निस्तारण न होने से आक्रोशित क्षेत्रीय सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनता ने नगर निगम कार्यालय के सम्मुख सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि समस्याओं का शीघ्र निस्तारण न होने की स्थिति में आंदोलन को तेज किया जायेगा। धरना-प्रदर्शन को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी अपना समर्थन दिया।
बुधवार को क्षेत्रीय सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों सहित स्थानीय लोग नगर निगम कार्यालय के सम्मुख एकत्रित हुए और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि नगर निगम बनने के बाद क्षेत्र की जनता को बेहतर विकास की आशा थी, लेकिन निगम इस पर खरा नहीं उतर पाया। कहा कि कोटद्वार महानगर की ज्वलंत समस्याएं अभी भी जस की तस बनी हुई हैं। कोटद्वार महानगर पार्किंग की समस्या से जूझ रहा है। वहीं निर्माणाधीन बहुउद्देशीय मोटर नगर बस अड्डा सरकार और नगर निगम प्रशासन की उच्च न्यायालय में लचर पैरवी के चलते गड्ढे की शक्ल में तब्दील हो गया है। मोटर नगर बस अड्डा निर्माण से जनता को पार्किंग की समस्या से निजात मिल सकती थी। नगर निगम के लगभग सभी वार्डों में लावारिस गोवंश उत्पात मचाते हुए जनता को चोटिल कर रहे हैं, वहीं बंदरों की बहुतायत से बच्चों और महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार कूड़ा निस्तारण के लिए अभी तक ट्रेचिंग ग्राउंड की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं कर सकी है। नगर निगम क्षेत्रांतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास निर्माण कार्य प्रगति पर है, लेकिन कई भवन स्वामियों के पास भूमि के दस्तावेज होने के बाद भी बिना मुआवजा दिए उन्हें भवन खाली करने के आदेश दिए जा रहे हैं, बरसों से पट्टे की भूमि के निवासियों का विस्थापन नहीं किया जा रहा है।
जशोधरपुर की स्टील फैक्ट्रियों से प्रदूषण मुक्त संयंत्र के बिना निकल रहे धुएं से रिहायशी इलाकों की जनता के स्वास्थ्य, फसलों एवं पेड़ पौधों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। कहा कि नगर निगम गठन के समय सरकार ने आश्वस्त किया था कि नगर निगम में सम्मिलित ग्राम सभाओं में टैक्स वसूली नहीं की जाएगी, लेकिन वर्तमान में टैक्स वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। मौके पर वक्ताओं ने क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय शीघ्र खोलने, क्षेत्र में सीवर लाइन विस्तारीकरण प्रोजेक्ट तैयार करने, क्षेत्र में कबाड़ बीनने और अन्य सामग्री विक्रय के कार्य करने वाले व्यक्तियों का सत्यापन करने और नगर निगम क्षेत्रांतर्गत नालियों की सफाई एवं मरम्मत करने की मांग भी की गई।
तत्पश्चात नगर आयुक्त के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को मांग पत्र का ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन में राज्यपाल से प्रदेश सरकार और शहरी विकास विभाग को समस्याओं के निस्तारण हेतु निर्देशित करने की मांग की गई है। धरना-प्रदर्शन में पूर्व सैनिक सेवा परिषद, सुखरौ मंदिर समिति, फॉरेस्ट पेंशनर समिति गोरखनाथ पर्यावरण संरक्षण समिति, जिला कांग्रेस, पतंजलि योग समिति, ग्रामीण विकास नागरिक विचार मंच सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता शामिल रहे।