Friday, October 4th 2024

उत्तरकाशी : जिले में ट्रैकर्स की सुरक्षा और सुगमता के दृष्टिगत ट्रैकिंग के लिए SOP का अंतिम ड्राफ्ट हुआ तैयार

उत्तरकाशी : जिले में ट्रैकर्स की सुरक्षा और सुगमता के दृष्टिगत ट्रैकिंग के लिए SOP का अंतिम ड्राफ्ट हुआ तैयार
उत्तरकाशी  : जिले में ट्रैकर्स की सुरक्षा और सुगमता के दृष्टिगत ट्रैकिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अंतिम ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार इस एसओपी के प्रारूप और ट्रैकिंग की ऑनलाईन अनुमति हेतु सिंगल विंडो सिस्टम के साथ परीक्षण करने के बाद शीघ्र अंतिम रूप देकर लागू कर दिया जाएगा। 
उत्तरकाशी जिले की गंगा, यमुना व टौंस घाटी में अनेक आकर्षक और चुनौतीपूर्ण ट्रैक रूट मौजूद हैं। जहां साल भर बड़ी संख्या में देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से ट्रैकर्स का आवागमन बना रहता है। जिसके चलते ट्रैकिंग व्यसाय इस जिले की आर्थिकी का एक प्रमुख स्रोत बन गया है। इस सेक्टर में कार्यरत स्थानीय लोगों व अन्य हितधारकों के साथ ही पर्यटकों की सुरक्षा, सुविधा व सुगमता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने ट्रैकिंग के लिए जिला स्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाए जाने के निर्देश देते हुए इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
समिति में पर्यटन विभाग, वन विभाग, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, एसडीआरएफ,पुलिस, आपदा प्रबंधन आदि विभागों के अधिकारियों के साथ ही स्थानीय ट्रैकिंग व माउंटेनियरिंग संगठन के पदाधिकारियों को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया था। इस समिति के द्वारा सभी हितधारकों की राय लेने के बाद मानवीय व पर्यावरणीय सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए ट्रैकिंग की एसओपी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इस ड्राफ्ट में ट्रैक रूटों के आसान, मध्यम और कठिन श्रेणी में वगीकृत करते हुए उन पर  ट्रैंकिग के लिए मानकों व आवश्यक व्यवस्थाओं का निर्धारण करने के साथ ही ट्रैकिंग एजेंसी व एग्रीगेटर्स के लिए भी मानक तय कर उनकी ऑडीटिंग के प्राविधान भी रखे गए हैं। 
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आज जिला कार्यालय में आयोजित एक बैठक में समिति के द्वारा तैयार ट्रैकिंग की एसओपी का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि एसओपी में सुरक्षा के उपायों एवं एहतियातों को सर्वोपरि रखने के साथ ही जिले में ट्रैकिंग को प्रोत्साहित करने का भी प्रयास किया जाना जरूरी है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इस एसओपी के अनुसार ट्रैकिंग की अनुमति देने एवं निगरानी रखने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम में आवश्यक प्राविधान किए जांय और स्थानीय ट्रैकिंग व माउंटेनियरिंग संगठनों की सहमति के अनुरूप इस व्यवस्था का परीक्षण करने के बाद जल्द लागू करने का प्रयास किया जाय।
बैठक में जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को ट्रैकिंग गंतव्यों की धारण क्षमता बढाने के उपाय करने के साथ ही ट्रैक रूटों व पड़ावों पर फाईबर हट व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने की अपेक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए पहले चरण में 10 प्रमुख ट्रैक रूट्स को सुधारने का काम किया जाय। जिला प्रशासन इसके आवश्यकतानुसार धनराशि एवं अन्य संसाधनों की व्यवस्था में पूरा सहयोग करेगा।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, रविन्द्र पुंडीर, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पाण्डेय, जिला पर्यटन विकास अधिकारी केके जोशी, साहसिक पर्यटन अधिकारी मोहम्मद अली खान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।