Tuesday, November 26th 2024

उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में पहली बार कान के पर्दे का सफल ऑपरेशन, दूरबीन विधि से पहली बार शुरू हुई ईएनटी सर्जरी

उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में पहली बार कान के पर्दे का सफल ऑपरेशन, दूरबीन विधि से पहली बार शुरू हुई ईएनटी सर्जरी
  • क्षेत्र के लोगो को मिल रही है नजदीकी अस्पताल में जनरल सर्जरी,ऑर्थोपेडिक व गायनी की सुविधाए
  • जिले में 20 हजार से अधिक चारधाम यात्रियों की हो चुकी स्क्रीनिंग
  • बेस अस्पताल शिमली में लगेंगे जल्द आधुनिक शल्य चिकित्सा उपकरण।

गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में पहली बार ईएनटी सर्जरी शुरू की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और वरिष्ठ परामर्श दाता शल्यक डॉ. राजीव  शर्मा के नेतृत्व में ईएनटी सर्जन डॉ. निधि, डॉ. अल्का नेगी और एनेस्थिटिस्ट डॉ. शुदेस ने पहली बार 16 वर्षीय कान के रोग से पीड़ित युवती के कान के पर्दे का दूरबीन विधि से सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन आयुष्मान योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया। इससे पूर्व मसहूर सर्जन डॉ. राजीव शर्मा बायोप्सी  सर्जरी  कर चुके है।

सीएमओं चमोली डॉ. राजीव शर्मा ने बताया कि उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में नाक और कान के भी ऑपरेशन शुरू कर दिये गये है। इसके अतिरिक्त हड्डी के ऑपरेशन डॉ. अंकित भट्ट, गायनी के डॉ.उमा शर्मा और डॉ. राजीव शर्मा की ओर से किये जा रहे है। डॉक्टरों की नई टीम के उत्साहवर्धन के लिए ऑपरेशन के हर प्रकार का सामन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान समय में उप-जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में आर्थो, गायनी, ईएनटी और जनरल सर्जरी के साथ-साथ अनुभवी फिजीशियनों की टीम उपलबध है। डॉ. शर्मा ने बताया कि बेस अस्पताल शिमली में भी सांसद निधि से ऑपरेशन के सभी आधुनिक उपकरण जल्द लगा दिये जायेंगे।

चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति स्वास्थ्य विभाग चमोली की ओर से सभी व्यवस्थायें चाक चौबंद कर दी गई है। सीएमओ चमोली ने बताया कि अभी तक 20 हजार से अधिक यात्रियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें आवश्यक दवायें उपलब्ध करा दी गई है। जनपद में गौचर, पण्डवाखाल, गैरसैंण, पांडुकेश्वर, गोविन्दघाट, भुण्डार गांव में स्क्रीनिंग की जा रही है इन स्थानों पर चिकित्सक,पैरामेडिकल स्टॉफ,फार्मसिस्ट तैनात किये गये है। चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन गाईड लाईन के अनुसार यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। जिसमें 50 साल से अधिक उम्र के सभी यात्रियों का आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण और 50 साल से कम उम्र के बीमार यात्रियों का चेकअप किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ यात्री स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के चलते स्वास्थ्य परीक्षण से कतरा रहे है। और उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। अभी तक 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है। इसमें अधिकतर 85 से ज्यादा उम्र के है, अत्याधिक थकान, बीपी हार्ट डिजीज, सांस की बीमारी, ऑक्सीजन की कमी मृत्यु के कारण है।

शासन की ओर से 60 डॉक्टरों की टीम चारधाम यात्रा के लिए दी गई है। बदरीनाथ, पाण्डुकेश्वर, जोशीमठ में आर्थोपेडिक सर्जन, जनरल फिजीशियन, 15-15 दिनों के रोटेशन पर तैनात किये गये है। जनपद के सभी अस्पतालों में आवश्यक दवायें भरपूर मात्रा में स्टोर की गई है। जिले मे आपतकालीन स्थिति के लिए गोपेश्वर और कर्णप्रयाग में आर्थो और जनरल सर्जरी, अनुभवी फिजीशियन तैनात किये गये हैं। साथ ही पांच बजे से पूर्व होने वाली दुर्घटनाओं के लिए हैली सेवा की सुविधा भी कर दी गई है।