Tuesday, November 26th 2024

एम्स ऋषिकेश में 01 अप्रैल से उपलब्ध होगी कटे होंठ और तालु की निःशुल्क सर्जरी की सुविधा, ऑपरेशन स्माईल और AIIMS के अधिकारियों ने किए MOU पर हस्ताक्षर 

एम्स ऋषिकेश में 01 अप्रैल से उपलब्ध होगी कटे होंठ और तालु की निःशुल्क सर्जरी की सुविधा, ऑपरेशन स्माईल और AIIMS के अधिकारियों ने किए MOU पर हस्ताक्षर 
 ऋषिकेश : जन्म से कटे होंठ और मुहं के अन्दर कटे तालु के मरीजों का एम्स ऋषिकेश में अब निःशुल्क ऑपरेशन किया जा सकेगा। इस मामले में ऑपरेशन स्माईल (आईएनसी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के मध्य एमओयू साईन किया गया है। एम्स के बर्न और प्लास्टिक चिकित्सा विभाग द्वारा जन्मजात कटे होंठ और मुहं के अन्दर कटे तालू की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए शीघ्र ही विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा इस समस्या से ग्रसित लोगों की सर्जरी भी निःशुल्क की जाएगी।  इस बारे में एम्स तथा ऑपरेशन स्माईल (आईएनसी) के बीच एमओयू गठित कर करार किया गया। जानकारी देते हुए एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया जिन लोगों के कटे होंठ अथवा कटे तालु होते हैं, वह ढंग से भोजन नहीं कर पाते हैं और उन्हें बोलने में भी दिक्कत रहती है। उन्होंने कहा कि संस्थान के प्लास्टिक चिकित्सा विभाग द्वारा मुहिम चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन बच्चों व वयस्क लोगों केे जन्म के समय से ही कटे होंठ व मुहं के अंदर कटे तालू की समस्या है, ऑपरेशन के माध्यम से उनकी इस समस्या का निदान किया जाए। 
ऑपरेशन स्माईल संस्था के कार्यकारी निदेशक अभिषेक सेन गुप्ता ने कहा कि संस्था पिछले 40 वर्षों से निम्न और गरीब तबके के रोगियों की मदद के लिए विभिन्न कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन स्माईल का मानना है कि प्रत्येक बच्चा सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता युक्त सर्जरी कराने का अधिकार रखता है।  एमओयू के बारे में बर्न और प्लास्टिक चिकित्सा विभाग की डाॅ. देवरती चट्टोपाध्याय ने बताया कि गठित करार के तहत ऐसे मरीजों को सर्जरी के अलावा वाक उपचार (स्पीच थेरेपी), डेंटल उपचार, पोषण और व्यापक देखभाल की सुविधा भी निःशुल्क प्रदान की जाएगी। उत्तराखंड के अलावा समीपवर्ती अन्य राज्यों के लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस दौरान ऑपरेशन स्माइल (आई.एन.सी.) यूएसए की ओर से संस्था के कार्यकारी निदेशक व एसोसिएट उपाध्यक्ष (एशिया क्षेत्र) अभिषेक सेन गुप्ता, एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पांडेय और बर्न व प्लास्टिक चिकित्सा विभाग की डॉ. देवरती चट्टोपाध्याय आदि मौजूद रहे।