कोटद्वार से पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत आज फिर से भाजपा में शामिल होंगे। 2007 में कोटद्वार विधानसभा से भाजपा के टिकट पर जीते शैलेन्द्र रावत 2012 के बाद में कांग्रेस में चले गए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रावत की बजाय तत्कालीन सीएम बीसी खंडूडी को कोटद्वार से चुनाव लड़ाया था। इस चुनाव में खंडूडी कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी से हार गए थे।
खंडूडी की हार की वजह से भाजपा 2012 में सरकार बनाने से रह गयी थी। भाजपा को 31 व कांग्रेस को 32 सीट मिली थी। खंडूडी की इस हार को गम्भीरता से लेते हुए भाजपा ने शैलेन्द्र रावत को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव के समय फिर से भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद शैलेन्द्र रावत ने 2017 व 2022 में यमकेश्वर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। लेकिन चुनाव हार गए। इसके अलावा पूर्व वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी के बेटे राजीव कंडारी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थामेंगे।