Saturday, November 23rd 2024

हिंदुत्व ही है भारत का स्व, भविष्य में भारत करेगा विश्व का नेतृत्व – रामलाल

हिंदुत्व ही है भारत का स्व, भविष्य में भारत करेगा विश्व का नेतृत्व – रामलाल

ग्रेटर नोएडा। हिंदुत्व ही है भारत का ‘स्व’ है। हिन्दुत्व ही भारत राष्ट्र का प्रतीक है, हिन्दुत्व ही संस्कृति एवं धर्म है। यह विचार प्रेरणा शोध संस्थान न्यास, नोएडा/ मेरठ प्रांत प्रचार विभाग एवं जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रेरणा मीडिया विमर्श-2023 के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने व्यक्त किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि भारत को समझने के लिए पहले भारत को पढ़ने की जरूरत है। दुनिया को पढ़कर भारत को नही समझा जा सकता। भारत को पढ़ कर ही स्व को समझा जा सकता है। स्व का अर्थ राष्ट्र है। राष्ट्र धर्म है। स्व को समझे बिना भारत को समझना संभव नहीं है। भारत की सोच एक है, भारत की संस्कृति एक है। उत्तर से दक्षिण हम एक है, भारत के लिए पूरी दुनिया एक परिवार है। हिन्दुत्व का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा है कि हिन्दुत्व का अर्थ है सबका कल्याण। हिन्दुत्व में विश्व कल्याण की बात है। भारत सबके सुख और कल्याण की बात करता है, इसलिए वह संकुचित नही हो सकता। विवेकानंद जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने  कहा कि हम केवल टॉलरेंस वाले नहीं हैं, वरन हम लोगों को अपनाते भी हैं और सम्मान भी देते हैं। आने वाले समय में भारत जरूर संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करेगा। इसके विपरीत कुछ लोग भारत के बारे में एक नकारात्मक विमर्श गढ़ते हैं। तथा वे न केवल भारत बल्कि भारत को आगे बढ़ाने वाले लोगों के बारे में नकारात्मक प्रचार करते हैं। हमारा दायित्व ऐसे लोगों को स्व के आधार पर भारत के सही इतिहास का बोध कराना है।

उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि मनोज तिवारी  ने कहा कि यह सही समय है जब हम स्व का बोध कर भी सकते हैं और दूसरों को भी करा सकते हैं। जबकि हमारे देश में कुछ लोग ऐसे है जिनका काम ही देश की आलोचना करना । देश की आलोचना करना उनके लिए फैशन बन गया है। वे यह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि स्व का आत्मबोध नहीं है। ऐसे लोगों को स्व का बोध कराने में सोशल मीडिया का बड़ा योगदान है। हम सबको इस का उपयोग करना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में स्व बोध आधारित शिक्षा होनी चाहिए। इससे भारतीय स्व बोध का राष्ट्रीय जागरण मूर्त रूप लेगा।

समारोह के अतिथि एवं पत्रकार नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि भारत आदि सनातन संस्कृति को मानने वाला देश है, यह सहिष्णुता और अनेकता में एकता को मानने वाल राष्ट्र है। कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेन्द्र तनेजा ने आरएसएस के उन लाखों लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपने जीवन में सुख सुविधाओं की चिंता किए बगैर स्व को प्रतिस्थापित करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया।

आज के कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान साहित्य उत्सव और प्रदर्शनी का भी अनावरण हुआ। कार्यक्रम में जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की डीन वंदना पांडे, प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष प्रीति दादू, दूरदर्शन के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक अग्रवाल के साथ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों से आए मीडिया शिक्षक एवं छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।

उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख कृपाशंकर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख पदम सिंह, प्रीतम जी (समन्वयक, सह प्रचार प्रमुख, मेरठ प्रान्त), विभाग प्रचारक कृष्णा, प्रेरणा विमर्श के संयोजक प्रोफेसर विशेष गुप्ता, प्रीति दादू (प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष), डॉ. विश्वास त्रिपाठी रजिस्ट्रार गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, प्रेरणा विमर्श-2023 की सचिव मोनिका चौहान सहित मेरठ प्रांत के अलग-अलग विभागों से आए गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीना सिंह एवं प्रियंका सिंह ने किया। समारोह का शुभारंभ वैदिक मंगलचरण से हुआ।

प्रेरणा मीडिया विमर्श-2023 प्रदर्शनी

तीन दिन तक चलने वाले प्रेरणा विमर्श-2023 के पहले दिन प्रदर्शनी के माध्यम से ‘स्व’ भारत का आत्मबोध, उद्घाटित करने वाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, प्रौद्योगिकी, नारी सशक्तिकरण एवं पत्रकारिता  विरासत को मुख्य रूप से प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के दौरान भविष्य के सशक्त भारत की दिशा को स्थापित करने का प्रयास भी किया गया। साहित्योत्सव के दौरान जागृति प्रकाशन, किताब घर, सुरुचि प्रकाशन, माधव प्रकाशन, प्रभात प्रकाशन, प्रेरणा विचार पत्रिका, प्रेरणा प्रकाशन, दिन दयाल स्वदेशी केंद्र एवं लोकहित प्रकाशन ने हिस्सा लिया। वहीं कार्यक्रम के अंत में प्रेरणा विचार पत्रिका का स्व भारत का आत्मबोध के विशेषांक का विमोचन हुआ। उक्त प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र है।