Monday, November 25th 2024

लिंगानुपात को और संतुलित बनाने के लिए वर्चअल माध्यम से निगरानी का बेहतर मॉडल करें डेवलप  – डीएम डॉ. आशीष चौहान

लिंगानुपात को और संतुलित बनाने के लिए वर्चअल माध्यम से निगरानी का बेहतर मॉडल करें डेवलप  – डीएम डॉ. आशीष चौहान

 

संदिग्ध आशा और एनएनएम, एनएम कार्यकत्रियों की सीडीआर(कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड) के आधार पर ट्रेकिंग करें

पौड़ी : जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत जनपद में पंजीकृत समस्त निजि अल्ट्रासाउंड केंद्रों, नर्सिंग होम, रेडियोलॉजिस्ट और गायनोलॉजिस्ट चिकित्सकों और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ लिंकानुपात सुधार की संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों और अल्ट्रासांउड संचालकों-प्रबंधकों को निर्देशित किया कि लिंगानुपात को संतुलित करने तथा अनधिकृत गर्भपात को रोकथाम के लिए निगरानी सिस्टम को ऑनलाइन बनायें, रिपोर्टिंग को भी कारगर बनायें, इन्साइडर इन्फॉर्मर का सहारा लें, नियमित रूप से केंद्रों की निगरानी करें तथा जागरूकता कैन्पेन बढ़ायें। उन्हों सक्त निर्देश दिये कि जो भी अनधिकृत गर्भपात करवाने में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संलिप्त पाया जाता है उनके विरूद्व सक्त-से-सक्त वैधानिक कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि जो भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा, एनएम, एएनएम आदि अनधिकृत गर्भपात करवाने में संदिग्ध प्रतीत होते हैं उनकी सीडीआर( कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड ) निकाली जाय तथा यदि उनकी भूमिका नकारात्मक पायी जाती है तो सक्त वैधानिक कार्यवाही की जाय।

जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वप्रथम विभिन्न क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं और अल्ट्रासाउंड केंद्रों का फिल्ड सर्वे करें, तत्पश्चात गर्भवती महिलाओं की शुरूआती अवस्था में ही पंजिकरण को अनिवार्य रूप से शत-प्रतिशत करें। इसके पश्चात् नियमित रूप से उनकी निगरानी करें तथा समस्त सूचना तंत्र को वर्चुअल माध्यम से स्वास्थ्य विभाग और संबंधित निकायों से साझा करें। उन्होंने यह भी कहा कि जो कपल बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहन दे रहे हैं उनको प्रोत्साहित किया जाय तथा विशेष अवसरों पर सम्मानित भी किया जाय। बैठक में विभिन्न चिकित्सकों, केंद्रों के संचालकों और उपस्थित लोगों द्वारा लिंगानुपात को बेहतर बनाने तथा अनधिकृत रूप से बेटी को गर्भ में ही नष्ट करने वाली घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने से संबंधित अपने बहुमूल्य और प्रेरक विचार और सुझाव भी साझा किये।

जिलाधिकारी ने उन सुझावों और नये आइडिया को अभियान में शामिल करते हुए उसके अनुरूप निगरानी सिस्टम डेवलप करने के चिकित्सा विभाग को निर्देश दिये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे, नोडल अधिकारी डॉ. पारूल, डॉ. मालती, डॉ. हर्षपाल, आशीष रावत सहित अन्य उपस्थित थे।