Sunday, November 24th 2024

कृषि मंत्री गणेश जोशी एवं सांसद हरिद्वार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत जनपद के प्रथम जैविक आउटलेट 3 के कैलाश गंगा का पूजा-अर्चना एवं मंत्रोच्चारण के बीच किया उद्घाटन

कृषि मंत्री गणेश जोशी एवं सांसद हरिद्वार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत जनपद के प्रथम जैविक आउटलेट 3 के कैलाश गंगा का पूजा-अर्चना एवं मंत्रोच्चारण के बीच किया उद्घाटन
हरिद्वार : कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं सांसद हरिद्वार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को भूपतवाला निकट शान्तिकुंज गेट नम्बर-2 में परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत जनपद के प्रथम जैविक आउटलेट ’’3 के कैलाश गंगा’’का पूजा-अर्चना, मंत्रोच्चारण के बीच उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये कहा कि कृषि के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न(मिलेट्स) को अन्तर्राट्रीय पहचान प्रधानमंत्री मोदी की वजह से मिली है। उन्होंने कहा कि जब यूएन के अन्दर श्रीअन्न(मिलेट्स) का प्रस्ताव रखा गया था तो 72 देशों ने इसका समर्थन किया था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की कृषि विकास योजना के तहत आज यह ’’3 के कैलाश गंगा’’ आउटलेट यहां खोला गया है तथा दूसरा आउटलेट हम इसका रूड़की में खोलने जा रहे हैं। 
कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री ने अवगत कराया कि राज्य गठन के बाद 178 है0 क्षेत्रफल जैविक कृषि के अन्तर्गत पंजीकृत था, जिसमें राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित आर०के०वी०वाई० एवं पी०के०वी०वाई० आदि योजना सहित प्रदेश में कुल 230 लाख है0 क्षेत्रफल में 447 लाख कृषकों को जोड़ते हुए जैविक खेती की जा रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के 10 विकासखण्डों को पूर्ण रूप से जैविक घोषित करते हुए उत्तराखण्ड ऑर्गेनिक एक्ट 2019 लागू किया गया है। साथ ही केन्द्र सरकार के सहयोग से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन इस वर्ष से जनपद के 11 जनपदों में प्रारम्भ किया जा रहा है एवं राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन भी किया जा रहा है। केन्द्र की तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना भी प्रारम्भ की जा रही है।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि ’’3 के कैलाश गंगा’’ आउटलेट के माध्यम से हमारे जैविक उत्पाद, विशेषकर श्रीअन्न(मिलेट्स) आम लोगों तक पहुंचेंगे, क्योंकि जैविक व श्रीअन्न की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।  उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 73 करोड़ रूपये अमृत मिशन के अन्तर्गत रखे हैं तथा इस क्षेत्र में हम 30 प्रतिशत तक की अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग श्रीअन्न(मिलेट्स)  की ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा जैविक को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी लोग यहां से श्रीअन्न(मिलेट्स) तथा जैविक उत्पाद लेकर जायेंगे, उनका व्यापक प्रचार-प्रसार चारों तरफ होगा। इससे समिति की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा और लोगों को शुद्ध जैविक उत्पाद प्राप्त होंगे।
हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री के विजन श्रीअन्न(मिलेट्स) को उत्तराखण्ड में तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसका ’’3 के कैलाश गंगा’’ आउटलेट प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के जैविक उत्पाद श्रेष्ठ उत्पाद हैं तथा यहां के उत्पादों का महत्व पूरी दुनिया में अलग ही  है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्नान पर्वों में लगभग चार करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं तथा इनमें से एक करोड़ लोग भी केवल एक हजार रूपये का यहां का उत्पाद ले कर जायेंगे तो यहां की आर्थिकी में काफी बदलाव आ जायेगा।  इसके अलावा यहां मठ-मन्दिरों से करोड़ों का प्रसाद जाता है। इन सब स्थानों में यह तय हो जाये कि केवल यहीं का उत्पाद प्रसाद के रूप में मिलेगा तो इससे भी यहां की आर्थिकी में अप्रत्याशित वृद्धि होगी तथा कई करोड़ का उत्तराखण्ड का जैविक उत्पाद बिकेगा।
मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी द्वारा अवगत कराया कि जनपद में जैविक खेती के अन्तर्गत सरकारी एवं गैर सरकारी योजनाओं के माध्यम से 17,648 है0 क्षेत्रफल में 18,666 कृषकों को पंजीकृत करते हुए जैविक खेती की जा रही है।
इस अवसर पर डॉ. एके उपाध्याय संयुक्त निदेशक, पीडी केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य उद्यान अधिकारी  ओम प्रकाश सिंह, एआर कोआपरेटिव पीएस पोखरिया, बीएसए सोमांस गुप्ता, कृषि विभाग की सपोर्टिंग एजेंसी सर्ग विकास समिति की सीईओ विनीता शाह, बड़ी संख्या में जैविक उत्पाद करने वाले किसानों सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।