Wednesday, January 15th 2025

उत्तराखंड में नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए बनने जा रहा हैं कानून, ये होंगे प्रावधान

 

देहरादून : भर्ती घोटालों के लिए राज्य पूरे देश में बदनाम हो चुका है। अब भी कई भर्तियों की जांच चल रही है। UKSSSC मामले में पकड़े गए 42 नकल माफियाओं में से अब तक 18 जमानत पर रिहा हो चुके हैं। इन सभी को नकल रोधी कानून नहीं होने का लाभ मिला है। लेकिन, अब सरकार ने नकल रोधी कानून बनाने की तैयारी कर ली है। इससे नकल माफिया पेपर लीक कराने जैसी हरकतें करने की सोच भी नहीं सकेंगे।

सदन के पटल पर रखने की तैयारी

भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार इसे पटल पर रखने की तैयारी में है। शासन स्तर पर हुई बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।

कानून का मसौदा तैयार

सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए ‘उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

कई विभागों ने दिए सुझाव

नकल रोधी कानून में अभ्यर्थियों, परीक्षा कराने वाले एजेसिंयों और नकल माफियाओं के लिए सजा के अलग-अलग प्रावधान होंगे। अपर सचिव कार्मिक कर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेशभर में होने वाली सरकारी भर्तियों के लिए अधिनियम को लेकर हुई बैठक में न्याय विभाग सहित तमाम संबधित विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं।

शासन को भेजा प्रस्ताव

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय के साथ ही कई भर्तियों में बड़े पैमाने पर नकल सामने आने के बाद प्रदेश में सख्त नकलरोधी कानून की जरूरत महसूस हुई। आयोग ने बोर्ड बैठक में ऐसे कानून का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था।

पहली बार नकल रोधी कानून

प्रदेश में पहली बार सख्त नकल निषेध कानून लाने जा रही है। जो मसौदा तैयार हुआ है, उसे कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। यहां से मुहर लगने के बाद विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रखा जाएगा। पास होने के साथ ही यह अधिनियम कानून के रूप में लागू हो जाएगा।

18 को मिली जमानत

प्रदेश में नकल निषेध का कोई सख्त कानून न होने की वजह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक के 42 आरोपियों में से 18 की जमानत हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले से ही भर्तियों का पूर्ण पारदर्शी सिस्टम तैयार करने और नकल-पेपर लीक रोकने के लिए बड़ा फैसला लेने की बात कह चुके हैं।

ये होंगे प्रावधान

  • उम्मीदवारों पर जुर्माने के साथ ही दो से तीन साल की सजा और परीक्षाओं से दो साल तक डिबार करना।
  • संस्था की पेपर लीक में भूमिका होने पर भारी भरकम जुर्माना और पांच से सात साल तक की सजा।
  • नकल माफिया या गिरोह की भूमिका पर दस साल तक सजा के अलावा संपत्ति कुर्की व दस लाख तक जुर्माना।
  • नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध मानकर इसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ही करेंगे।